बच्चों की शरारत तब तक अच्छी लगती है जब तक ये किसी के लिए आफत नहीं बन जाती है। जब उनकी शरारत क्युटनेस से बढ़कर आपको परेशान करने लगे तो ये पेरेंट्स और बाकियों के लिए भी सिरदर्द बन जाता है। कई बार उनकी नटखट शरारतें इतना बड़ा नुक्सान कर जाती है कि इनकी भरपाई करना असंभव हो जाता है। कभी कभी वे इतने शरारती बन जाते हैं कि उनकी शरारत घर तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि स्कूल में भी ऐसी हरकत करने से बाज नहीं आते हैं। आज हम आपको बताते हैं इनकी शरारतों से कैसे डील किया जा सकता है।
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